जागरण संवाददाता, मऊ : शासन ने भ्रष्टाचार पर वार करते हुए अब ग्राम पंचायतों में डोंगल लागू कर दिया गया है। इसके तहत सभी ग्राम प्रधानों व सचिवों को ‘डिजिटल सिग्नेचर’ बनाना आवश्यक हो गया है। अब 15 अगस्त से बिना डिजिटल सिग्नेचर के राज्यवित्त व 14वें वित्त के धनराशि का भुगतान नहीं हो पाएगा। शासन द्वारा वित्त की धनराशि में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर यह कदम उठाए गए हैं। डिजिटल सिग्नेचर नहीं बनवाने के चलते ग्राम पंचायतों के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई है। इससे केंद्र सरकार के 14वें वित्त का लगभग 40 करोड़ रुपया डंप पड़ा है। जबकि राज्य सरकार का राज्यवित्त की धनराशि अभी तक ग्राम पंचायतों को नहीं मिली है।
ग्राम पंचायतों में पहले ही मनरेगा यानि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में डोंगल सिस्टम लागू है। केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से आनलाइन कर रखा है। पहले मनरेगा में तमाम भ्रष्टाचार के मामले सुर्खियों में रहे परंतु आनलाइन होने से कुछ हद तो लगाम लगी। इसके बाद राज्यवित्त व 14वें वित्त में अनियमितता के मामले छाने लगे। ग्राम पंचायतों में चेक के माध्यम से प्रतिवर्ष करोड़ों का खेल होता रहा परंतु सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए पहले ही जिलाधिकारी के माध्यम से सभी खंड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी को निर्देशित किया है कि सभी ग्राम प्रधानों व ग्राम सचिवों का डिजिटल सिग्नेचर बनवाकर पीएफएमएस यानि ‘पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम’ पोर्टल पर ग्राम पंचायत के रजिस्टर्ड खाते से लिक कराना सुनिश्चित करें। ऐसा नहीं करने पर जनपद के सभी 675 ग्राम पंचायतों के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई से जनपद में हडकंप मच गया। शासन के निर्देश पर खाता संचालन पर लगी रोक को देखते हुए धड़ाधड़ डिजिटल सिग्नेचर तैयार किए जा रहे हैं। अभी तक लगभग 500 ग्राम पंचायतें आनलाइन हो चुकी हैं।
ग्राम पंचायतों को आनलाइन किया जा रहा है। अब प्रधान व सचिव का डिजिटल सिग्नेचर बनेगा। राज्यवित्त व 14वें वित्त की धनराशि का भुगतान डोंगल के माध्यम से होगा। इसी के लिए शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायतों के खाता संचालन पर रोक लगी है। 15 अगस्त से सभी ग्राम पंचायतों का आनलाइन भुगतान शुरू करा दिया जाएगा।